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भारत सरकार द्वारा 1995 में सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई), कोलकाता की स्थापना सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्थान के रूप में की गई थी और इसे पश्चिम बंगाल सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत किया गया था। कोलकाता में स्थित और महान फिल्म उस्ताद सत्यजीत रे के नाम पर स्थापित एसआरएफटीआई संस्थान फिल्म निर्माण और टेलीविजन प्रोडक्शन की कला और तकनीक में उच्च और पेशेवर शिक्षा और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करता है।
संस्थान फिल्मों में 6 (छह) विशेषज्ञताओं यथा - (1) निर्देशन और पटकथा लेखन, (2) चलचित्र, (3) संपादन, (4) साउंड रिकॉर्डिंग और डिजाइन, (5) फिल्म और टेलीविजन के लिए निर्माण और (6) एनीमेशन सिनेमा में 3 वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है और इलेक्ट्रॉनिक तथा डिजिटल मीडिया (ईडीएम) में 6 (छह) विशेषज्ञताओं यथा (1) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्रबंधन, (2) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए चलचित्र, (3) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए लेखन, (4) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए निर्देशन और निर्माण, (5) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए संपादन और (6) इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए साउंड में 2 वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम प्रदान करता है।
नियमित कक्षाओं के अलावा, संस्थान के छात्रों को उद्योग विशेषज्ञों द्वारा आयोजित विभिन्न अतिथि व्याख्याताओं, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों आदि द्वारा मास्टर क्लासेस से भी समृद्ध अनुभव प्रदान किया जाता है। एसआरएफटीआई ने सृजनात्मक व्यक्तियों के लिए पेशेवर अभ्यास की दुनिया में जाने के लिए प्रैक्सिस के शास्त्रीय और समकालीन सिद्धांतों को स्पष्ट और प्रसारित करने में सफलता प्राप्त की है: चाहे वह मुख्यधारा, समानांतर, आर्ट-हाउस, प्रयोगात्मक या नॉन-फिक्शन नैरेटिव हों। संस्थान ने फिल्म निर्माण की कला और शिल्प के एक नए प्रतिमान की दिशा में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
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