मौजूदा विनियामक ढांचे के अनुसार, प्राइवेट सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों और विज्ञापनों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिताओं और विज्ञापन संहिताओं के अनुसार विनियमित किया जाता है। कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं में टीवी चैनलों पर कार्यक्रमों और विज्ञापनों को विनियमित करने के लिए कई तरह के मानक शामिल हैं।
केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 को अधिसूचना संख्या जीएसआर 416 (ई) दिनांक 17.06.2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है, जिससे टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायतों/परिवादों के निवारण के लिए एक वैधानिक तंत्र प्रदान किया गया है। इन नियमों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाता है। इन नियमों में प्रावधान है कि प्रसारक द्वारा कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता का पालन सुनिश्चित करने और उससे संबंधित शिकायत या परिवाद, यदि कोई हो, का समाधान करने के लिए, निम्नानुसार तीन-स्तरीय संरचना (शिकायत निवारण संरचना) होगी: स्तर I - प्रसारकों द्वारा स्व-नियमन; स्तर II - प्रसारकों के स्व-विनियामक निकायों द्वारा स्व-विनियमन; और स्तर III - केंद्र सरकार द्वारा निगरानी तंत्र।
कोई भी व्यक्ति, जो किसी चैनल के कार्यक्रम की विषय-वस्तु, कार्यक्रम संहिता या विज्ञापन संहिता के अनुरूप न होने के कारण उससे सहमत नहीं है, तो वह अपनी शिकायत लिखित रूप में प्रसारक या भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) को दर्ज करा सकता है, यदि वह उसके द्वारा निर्धारित विज्ञापन संहिताओं से संबंधित है। प्रसारक एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करेगा और उसे प्राप्त शिकायतों के निपटान के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगा। प्रसारक/एएससीआई निर्धारित समय के भीतर निर्णय लेगा और शिकायतकर्ता को इसकी सूचना देगा। जिन शिकायतों/परिवादों का प्रसारक द्वारा समाधान नहीं किया गया है, उनका निपटान केंद्र सरकार द्वारा पंजीकृत स्व-विनियामक निकायों (स्तर-II) द्वारा निर्धारित समय के भीतर किया जाएगा।
निरीक्षण तंत्र के भाग के रूप में, केंद्र सरकार ने शिकायतों या परिवादों की सुनवाई के लिए एक अंतर-विभागीय समिति (आईडीसी) की स्थापना की है जो स्व-विनियामक निकाय के निर्णय से उत्पन्न शिकायतों या परिवादों को आईडीसी को संदर्भित करने पर, या यदि स्व-विनियामक निकाय द्वारा निर्धारित समय के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, या कार्यक्रम संहिता या विज्ञापन संहिता के उल्लंघन से संबंधित ऐसी अन्य शिकायतें या संदर्भ प्राप्त होने पर, जैसा कि वह आवश्यक समझे, की सुनवाई करती है। आईडीसी की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव करते हैं और इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। मार्च 2023 में, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के डोमेन विशेषज्ञों को आईडीसी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन के संबंध में सैटेलाइट टीवी चैनलों की सामग्री की निगरानी और रिकॉर्ड करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सुविधा के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है। ईएमएमसी लगभग 900 चैनलों की निगरानी और रिकॉर्ड करने में सक्षम है और वर्तमान में सभी अनुमत चैनलों की निगरानी करता है।
ईएमएमसी की वेबसाइट - www.emmc.gov.in)
मंत्रालय समय-समय पर टीवी चैनलों को कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं का पालन करने तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में एडवायजरी जारी करता है।